Corona Virus : चीन में मार्च तक भयावह तबाही का अनुमान! डराने वाली रिपोर्ट आई सामने

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नए साल से ठीक पहले चीन में कोरोना ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट BF.7 ने हाहाकार मचाया हुआ है. चीन को लेकर भयानक खबरें भी सामने आ रही हैं. रिपोर्ट्स में अस्पतालों में भारी भीड़ होने का दावा किया जा रहा है. ऐसे में अब एक नई रिपोर्ट ने कुछ ऐसा खुलासा किया है, जो वाकई डरावनी है. नई रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दिनों में चीन में हालात इतने बिगड़ सकते हैं कि हर दिन 10 लाख कोरोना के नए मामले और पांच हजार मौत देखनी पड़ सकती हैं.

लंदन बेस्ड एनालिटिक्स फर्म एयरफिनिटी लिमिटेड (Airfinity Ltd.) के अनुसार, जनवरी में कोरोना वायरस तेजी से चीन में फैल सकता है जो मार्च तक बेहद खतरनाक रूप में आ सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी में चीन में कोरोना मामलों की संख्या 37 लाख तक बढ़ सकती है जो संख्या मार्च होते-होते 42 लाख तक पहुंच सकती है. 

लंदन के इस ग्रुप की रिपोर्ट चीन के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के वू जुनयू के उस दावे से मेल खाती है, जिसमें कहा गया था कि चीन जनवरी से मार्च तक कोरोना की तीन लहरों का सामना करेगा. 

वू जुनयू के दावे के अनुसार, पहली लहर दिसंबर के आखिरी दिनों यानी मौजूदा समय से जनवरी के मध्य तक रहेगी. वहीं दूसरी लहर उसके बाद और तीसरी लहर फरवरी के अंतिम सप्ताह से मध्य मार्च तक चल सकती है.  

चीन में कोरोना मामलों की काउंटिंग का नया नियम

चीन में कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने की खबरों के बीच जिनपिंग सरकार ने कोविड के मामलों और इससे होने वाली मौतों के आंकड़ों को तैयार करने का तरीका बदल दिया है. चीन की सरकार ने मास टेस्टिंग बूथ बंद कर दिए हैं. साथ ही हर संक्रमित व्यक्ति को प्रतिदिन तैयार किए जा रहे रिकॉर्ड में रखने की कोशिशों को भी खत्म कर दिया है. चीनी नागरिकों को अब रेपिड टेस्ट का सहारा लेना पड़ रहा है, जो विश्वासजनक तरीका नहीं है.  

वहीं चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से मरने वाले लोगों को लेकर भी नियमों में बदलाव किया है. अब किसी की मौत की वजह कोविड-19 बताने से पहले कई तरह की जांच और की जाएंगी. ऐसे में अब सिर्फ कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या का रिकॉर्ड निकालना भी मुश्किल हो जाएगा.

चीन के अस्पताल फुल, फार्मेसी में दवा नहीं

चीनी सरकार चाहे कितना ही कोरोना दबाने की कोशिश कर ले, उसके बाद भी कुछ ना कुछ खबरें बाहर आ ही रही हैं. ब्लूमबर्ग समेत कई ऐसी न्यूज एजेंसियां हैं, जिन्होंने चीन के हालातों को दिखाने की कोशिश भी की. जहां अस्पतालों में मरीजों की इतनी ज्यादा भीड़ है कि मेडिकल स्टाफ और यहां तक कि अस्पतालों में जगह भी कम पड़ जा रही है. 

वहीं फार्मेसी पर लोगों की भीड़ तो जा रही है लेकिन खाली वापस लौट रही है. कोरोना में काम आने वाली सभी दवाओं का स्टॉक खत्म हो गया है.

चीन में कोरोना की तबाही, भारत के लिए खतरे का संकेत ?

चीन में जिस तरह से कोरोना वायरस के खतरनाक रूप लेने की खबरें सामने आ रही हैं, इसे भारत में खतरे के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. भारत सरकार कोरोना को लेकर सतर्क हो गई है और सभी राज्यों को भी अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश जारी किए हैं. 

चीन में कोरोना संक्रमण का फैलना भारत में कितना प्रभाव डाल सकता है, इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी है. लेकिन एक बात जरूर है कि कोरोना का यह नया वैरिएंट BF.7 जुलाई में ही भारत में पहचाना जा चुका था. इसके बावजूद भारत में इसका असर देखने को नहीं मिला. यानी भारत के लोगों पर यह वैरिएंट अभी तक ज्यादा असरदार नहीं रहा.

हालांकि, अगर सरकार सतर्क हो गई है तो आम लोगों को भी सतर्क होना काफी जरूरी है. सतर्कता और बचाव के नियमों को मानकर ही कोरोना से मजबूत होकर लड़ाई लड़ी जा सकती है.

भारत के लिए एक राहत की बात यह भी है कि कोरोना ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट BF.7 उस समय तेजी के साथ बढ़ रहा है, जब भारत में कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. हालांकि, वैश्विक स्तर पर बात करें तो कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है लेकिन भारत में कम हो रहे कोरोना केस जरूर अच्छे संकेत हो सकते हैं.

भारत में कोरोना की हालात को लेकर द हिंदू से एक एक्सपर्ट ने बताया कि भारत में BF.7 नहीं बल्कि XBB वैरिएंट चिंता का विषय है. कोरोना का यह वैरिएंट BJ.1 और BA.2.75 से मिलकर बना है. यह वैरिएंट न सिर्फ फैलता है बल्कि इसपर वैक्सीन का भी कोई असर नहीं होता है. यह वैरिएंट कई देशों में कोरोना को फैलाने में जिम्मेदार रहा है.  

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