जानिए कोरोना से बचने के लिये इम्युनिटी बढ़ाने के उपाए, इन फूड्स को खाकर बढ़ाएं अपनी इम्युनिटी

कोरोना महामारी ने एक बार फिर से देश और दुनिया में दस्तक दे दी है. सरकार लगातार अलर्ट मोड पर है और जनता से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील कर रही है. कोरोना जैसी घातक बीमारी से लड़ने के लिए इम्यूनिटी की बड़ी भूमिका होती है और इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय बहुत कारगर हैं. ऐसे में हम आयुर्वेदिक की तरफ रुख कर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं.
इम्युनिटी कैसे बढ़ाएं
राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर संजय कुमार पांडे ने बताता हैं, नैचुरल इम्युनिटी बढ़ाने के लिए यह सबसे उपयुक्त मौसम है. इस मौसम को आयुर्वेद में शिशिर ऋतु कहते हैं. इस ऋतु में हमारे शरीर की जठराग्नि प्रदीप्त अवस्था में होने के कारण, हम जो भी खाते हैं, वो आसानी से पचकर हमारे शरीर को तंदुरुस्त बनाने का काम करता है. ऐसे में अगर हम इम्युनिटी बढ़ाना चाहते हैं तो हमें हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए. इस मौसम में हमें फल, सूखे मेवे और बीज जैसी पौष्टिक चीजें भी खानी चाहिए.
ये फूड्स बढ़ाएंगे आपकी इम्युनिटी
कोरोना से बचने के लिए उन फलों का ज्यादा सेवन करें जिसमें विटामिन सी की प्रचुर मात्रा मिलता है. संतरा, आंवला, नींबू जैसे विटामिन सी वाली चीजों का सेवन पूरे साल हमें फायदा पहुंचाता है.इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है जिससे हमें कोरोना के साथ बाकी बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है.
डॉक्टर एस के पांडे बताते हैं, ''वैसे तो आपको हमेशा ही अपनी डाइट में अधिक से अधिक हरी पत्तेदार वाली सब्जियों का शामिल करना चाहिए लेकिन कोरोना महामारी से बचने के लिए आपको खासतौर पर हरी सब्जियों को रोज खाना चाहिए. सब्जियां विटामिन और प्रोटीन से भरपूर होती हैं. बथुआ,पालक, सोया, मेथी और चने का साग ये सारी चीजें हमारे शरीर को पोषक तत्व देने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में सहायक है.''
डॉक्टर पांडे ने आगे कहा, ''ठंड के मौसम में हमें गुड़ का भी सेवन करना चाहिए. आपको दूध, घी, मक्खन और चीज का भी संतुलित मात्रा में अपनी डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए. इससे आपके शरीर को सभी जरूरी पोषण मिलेंगे.''
संजय कुमार पांडे ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़े के इस्तेमाल पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, ''फल और सब्जियों के अलावा आयुर्वेदिक काढ़े का सेवन भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. तुलसी, दालचीनी, इलायची, वंशलोचन, मुलेठी, गिलोय और गुड़ से बना काढ़ा शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है. इस काढ़े से फेफड़े मजबूत होते हैं. क्योंकि इसमें वंशलोचन है जिसमें कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है. इसलिए यह आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है.''
काढ़े में मुलेठी का प्रयोग होता है जो गले के संक्रमण को खत्म करता है और साथ ही बलगम को भी जमा नहीं होने देता यदि बलगम जमा है तो उसे बाहर निकालने में मदद करता है.काढ़े में तुलसी का भी प्रयोग करते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है,तुलसी के अलावा दालचीनी का भी इस्तेमाल किया जाता है जो ब्लड थिनर यानी का काम करता है यानि की रक्त को पतला करने में सहायक होता है और इससे फेफड़ों में रक्त संचार ठीक तरीके से बना रहता है वहीँ गिलोय इम्युनिटी बढ़ाता है खांसी,जुकाम और बुखार से भी बचाता है.
डॉ सुशील पांडे ने जानकारी साझा करते हुए बताया, काढ़े में इलायची और पीपली का भी उपयोग करें. पीपली पित्त शामक है और कफ को दूर करती है. इलायची कफ को गले और फेफड़ों में जमा नहीं होने देती. इस काढ़े को आप एक कप सुबह और एक कप शाम को पी सकते हैं. इसका दोनों टाइम सेवन करने से से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं और कोरोना से फेफड़ों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है. यह सभी आयुर्वेदिक औषधियां पंसारी की दुकान पर आसानी से मिल जाएंगी और फिर इसे घर पर आसानी से बना सकते हैं.काढ़े में मिश्रित एक चम्मच औषधीय डालें फिर उसे गरम कर लें एकदम चाय की तरह इस दौरान यह ध्यान देना होगा कि,इसे उबालना नहीं है उसके बाद इसे छानकर पी लें.
इस तरह घर में आसानी से बनाएं ये आयुर्वेदिक काढ़ा
काढ़े बनाने के लिए ढाई दालचीनी, लेमन ग्रास, इलायची, मुलेठी, वंशलोचन, पिप्पली तुलसी और गिलोय को कूटकर पाउडर बना कर रख लें और फिर दो कप पानी लेकर इसमें एक चम्मच पाउडर डालकर गर्म करें यह ध्यान दें कि इसे उबालना नहीं है. केवल गर्म करना है. इसके बादइसे छानकर इसका सेवन करें.
काढ़े के सेवन के अलांवा डॉक्टर एसके पांडे ने बताया, ''लौंग और कपूर को समय-समय पर सूंघा जाए तो इससे भी फेफड़ों को मजबूती मिलती है. वहीं इसके अलावा थोड़ा सा सेंधा नमक,फिटकरी और हल्दी को गुनगुने पानी में मिलाकर रोज गरारा करें. इससे गले में संक्रमण नहीं होगा और और ना ही संक्रमण गले से नीचे उतरेगा. इससे आपके फेफड़ों को भी मजबूती मिलती है.''