लंपी इंफेक्शन क्या है जो गायों में फ़ैल रहा है? अबतक 2 लाख गोवंश संक्रमित, 3125 की मौत, पूरे देश में अलर्ट

लंपी इंफेक्शन क्या है: भारत के राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश समेत 10 राज्यों में रोजाना सैंकड़ों गोवंशों की मौत हो रही है. गायों की मौत की वजह लंपी इंफेक्शन (Lumpy Infection) बताया जा रहा है. राजस्थान में दो लाख से ज़्यादा गाय संक्रमित हैं जिनमे से अबतक 3125 की मौत हो गई है. वहीं गुजरात में हालात भयावह हैं. जहां जिस गाय या बैंक का टेस्ट हो रहा है वो Lumpy Infection से संक्रमित पाए जा रहे हैं. 

लंपी इंफेक्शन से 11 राज्यों में पल रहीं गायों की मौत हो रही है. संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है. पशुपालकों के लिए यह कोरोना से भी ज़्यादा भयावह है. ओडिशा, छतीशगढ, तमिलनाडु, असम, केरल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश में भी हज़ारों गोवंश लंपी इंफेक्शन की चपेट में आ चुके हैं और इस संक्रमण से मर रहे हैं.  राजस्थान में लंपी इंफेक्शन ने मृत्यु दर 1.4% है 

गुजरात में 1431 गायों की मौत 

लंपी इंफेक्शन से गुजरात के 20 जिले और 1935 गांव प्रभावित हैं. अबतक यहां लंपी इंफेक्शन से इन्फेक्टेड 1431 गायों की मौत हो चुकी है.  मध्य प्रदेश में भी लंपी इंफेक्शन का दायरा बढ़ रहा है लेकिन यहां की सरकार अभी इसे हल्के में ले रही है. एमपी में पशुपालन विभाग को लंपी इंफेक्शन की परवाह नहीं है. लेकिन राजस्थान और गुजरात की तरह यहां भी स्थति भयावह हो सकती है. 

लंपी इंफेक्शन क्या है 

What is Lumpy Infection:  लंपी इंफेक्शन एक वायरल डिजिस है जो एक से दूसरे में फैलता है. गाय, सांड, बछड़ा, भैंस और पाड़ा इससे संक्रमित हो जाते हैं. राजस्थान के 90% मवेशी इसकी ज़द में हैं. 

लंपी इंफेक्शन कैसे फैलता है 

गोवंशों और भैंसो में यह बीमारी लम्पी स्किन डिजीज वायरस (LSDV) के कारण फैलती है. ये एक कैप्रीपॉक्स वायरस होती है. सबसे पहले जून 2020 में नेपाल में यह बीमारी सामने आई थी, जुलाई में ताईवान, भूटान और अक्टूबर में वियतनाम के बाद नवंबर में हॉन्गकॉन्ग और अब भारत में यह मवेशियों में फ़ैल गई है. 

लंपी वायरस मवेशियों में पाए जाने वाली मक्खियों, मच्चर, पक्षियों, जूं, किलनी, जोंक और कीड़ों से माध्यम से दूसरी गायों में फ़ैल जाता है. 

लंपी डीजिस के लक्षण 

Symptoms of Lumpy Disease: मवेशी की ऊपरी चमड़ी में गांठ बनती है, बाद में गांठ नरम होकर फुट जाती हैं जिनसे खून और मवाद बहती है. इससे मवेशी की भूख कम हो जाती है और दूध बनना कम होने लगता है। बुखार, लंगड़ापन, लार गिरना, आंख, नाक से लिक्विड बहना, वजन कम होना, सूजन, और दर्द होने लगता है. मवेशियों के शरीर में पहले चकत्ते पड़ते हैं और वही घाव का रूप ले लेते हैं. 

लंपी डिजिस की दवा या वैक्सीन 

Medicine or vaccine for Lumpy Disease: गोट पॉक्स और लंपी इंफेक्शन एक जैसा होता है. एक्सपेरिमेंट के लिए गोट पॉक्स में इस्तेमाल होने वाली वैक्सीन को लगाया जा सकता है. इसके अलावा मवेशियों को एंटीबायोटिक्स, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीहिस्टामिनिक जैसी दवाएं दी जा सकती हैं. स्किन के घावों के लिए भी दवा दी जा सकती है 

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