AAP Clinic: डॉक्टर को सीधे अस्पताल में नहीं मिलेगी एन्ट्री, तीन साल तक मुहल्ले में देनी होगी सेवा

Punjab Latest News: राज्य सरकार ने मरीजों के इलाज को बेहतर बनाने के लिए डॉक्टरों की सेवा नियम में बदलाव किया है। जिसके तहत पंजाब के मेडिकल कॉलेजों (Punjab Medical College) से एमबीबीएस करके डॉक्टर बनने वालों को अब सीधे अस्पतालों में तैनाती नहीं मिलेगी।
मोहल्ला क्लीनिक के लिए तैयार किया नियम
पंजाब सरकार (Punjab Government) ने मोहल्ला क्लीनिक के लिए जो कॉन्सेप्ट तैयार किया है, उसके तहत एमबीबीएस की डिग्री (MBBS) हासिल करने के बाद डॉक्टर पहले मुहल्ला क्लीनिक (Mohalla Clinic) में सेवा देगें। तीन वर्ष तक उन्हे क्लीनिक में सेवा देने के बाद जब इलाज को लेकर अच्छी प्रैक्टिस हो जाएगी तब उन्हे अस्पताल में सेवा देने के लिए एन्ट्री मिल पाएगी, यानि कि बड़े अस्पतालों में उन्हें फिर भेजा जाएगा।
गांव की क्लीनिक हैं खाली
पंजाब की आप सरकार (AAP Government) के द्वारा दिल्ली की तर्ज पर मुहल्ला क्लीनिक की शुरूआत की गई है, हांलाकि इसका विरोध भी हुआ और लोगो का कहना है कि पूर्व से जो ग्रामीण क्षेत्रों की डिस्पेंसरिया है वहां डॉक्टरों की कमी है और इससे ऐसे अस्पतालों का ताला ही नहीं खुल रहा है। ऐसे में मोहल्ला क्लीनिक की क्या जरूरत थी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जो डिस्पेंसरियां हैं, उनमें बरसों से न तो स्टाफ है और न ही दवाइयां। ऐसे हालात में मोहल्ला क्लीनिक खुलने के बाद अब स्वास्थ्य सेवाओं प्रति लोगों में एक उम्मीद जरूर जागी है।
बड़े अस्पताल में घटेगी भीड़
सरकार के द्वारा चलाई जा रही मोहल्ला क्लीनिक अगर अच्छी सेवाएं देती है और मरीजों को क्लीनिक में इलाज मिलता है तो बड़ी अस्पतालों में पहुँचने वाली मरीजों की भीड़ में कमी आएगी और अस्पताल का भार कम होगा।
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