RBI Repo Rate Increase: फिर से 0.50% रेपो रेट बढ़ाएगा आरबीआई, इस साल 0.90% तक पहले ही बढ़ा चुका है

RBI Repo Rate Increase: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ठान लिया है कि वह देश से इन्फ्लेशन यानी महंगाई कम करने के लिए आम लोगों द्वारा बैंकों से लिए जाने वाले लोन को महंगा करके ही मानेगा। गुरुवार 4 अगस्त से RBI की बैठक शुरू हुई है और इसी के साथ तीसरी बार Repo Rate बढ़ाने पर फैसला लिया जा सकता है. Repo Rate बढ़ता है तो इसका सीधा असर देश में संचालित होने वाले हर एक प्राइवेट-सरकारी बैंकों में पड़ता है और बैंक बाद में लोन और EMI को महंगा कर देते हैं.
RBI लोन को महंगा करके देश में महंगाई कम करने की रणनीति बना रहा है. बता दें कि RBI साल 2022 में पहले ही रेपो रेट को दो बार बढ़ा चुका है. और अब फिर से सितम्बर या अक्टूबर में Repo Rate बढाकर लोन और EMI महंगा कर सकता है.
एक साल में दो बार रेपो रेट में हुई है वृद्धि
आरबीआई ने मई में Repo Rate 4% से बढाकर 4.40% किया था और जून में इसे 0.50% बढाकर 4.90% कर दिया था. अब सितम्बर में फिर से इसे 0.50% बढाकर Repo Rate 5.40% करने पर RBI विचार कर रहा है. लेकिन यह तय माना जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट को 4% से 4.40%, और 4.90% के बाद इसे 5.40% करके ही मानेगा इतना ही नहीं RBI साल के आखिर तक Repo Rate बढाकर 5.90% भी कर सकता है. मतलब एक साल के भीतर 1.90% की वृद्धि हो सकती है.
रेपो रेट बढ़ाने से महंगाई कैसे कम होती है
How Inflation Decreases By Increasing Repo Rate: सवाल लाजमी है, आखिर लोन महंगा करके देश से महंगाई कैसे कम होती है? क्या रेपो रेट बढाकर महंगाई को कैसे कम किया जाता है? इसका सीधा जवाब ये है- जब लोन महंगा हो जाएगा तो ग्राहक किसी भी कार, घर, जमीन, मोबाइल, या किसी भी चीज़ को खरीदने के लिए लोन नहीं लेगा, और ना ही उसे खरीद पाएगा। जब डिमांड कम हो जाएगी तो सप्लाई बढ़ जाएगी और सप्लाई बढ़ने के बाद भी डिमांड नहीं हुई तो उत्पादों की कीमत अपने आप कम हो जाएगी।
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