Speed Transportation: विकास को गति देने हाई स्पीड ट्रांसपोर्ट आवश्यक, रेलवे और हाईवे के लिए बनी योजना, आम लोग भी होंगे लाभान्वित

Railway And Highway Development Plan: तेजी के साथ भागती जिंदगी अब आम चाहत बन गई है। ऐसे में सरकार का फर्ज है कि वह देश की जनता को सुरक्षित और चलने वाले वाहनों के लिए व्यवस्था दे। इस चाहत को पूरी करने के लिए सरकार एक बड़ा प्लान तैयार कर रही है। देश के विकास को गति देने के लिए रेलवे से लेकर हाईवे को अत्याधुनिक तरीके से विकसित किया जा रहा है। जिससे हाई स्पीड ट्रांसपोर्टिंग (High Speed Transporting) संभव हो सके। इसके लिए कई बड़ी कार्य योजनाएं तैयार की गई हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इससे आम लोगों को भी बहुत लाभ मिलेगा।

रेलवे और हाईवे होंगे विकसित

सरकार की योजना के अनुसार एक ओर जहां रेलवे को विकसित करने के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। वहीं नेशनल हाईवे, एक्सप्रेस वे में काफी सुधार करने की प्लानिंग है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए खाकर के अनुसार अगले दो दशकों में एक्सप्रेसवे और एक्सप्रेस नियंत्रित राजमार्गों की लंबाई 20000 किलोमीटर तक बढ़ाई जाएगी।

राजमार्ग मंत्रालय माल ढुलाई में तेज आवाज आई का नेटवर्क विकसित करने के लिए एक्सप्रेस नियंत्रित राजमार्ग को और एक्सप्रेसवे लंबाई 5 गुना अधिक बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है। भविष्य की योजना है कि बुनियादी ढांचा परियोजना का क्रियान्वयन रेलवे, मेट्रो रेल और राजमार्ग नेटवर्क के साथ हवाई अड्डों का पूर्ण एकीकरण किया जाए। माना जा रहा है कि इससे क्षेत्र निर्माण लागत कम होगी और समय की बचत होगी।

हाईवे में बनेंगे चार्जिंग स्टेशन

जिस तरह से आज बिजली से ट्रेन दौड़ रही है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) पर जोर दे रहा है। इसके लिए हाईवे में वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन (Charging Station) बनाए जाएंगे। इन सभी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सड़क परिवहन मंत्रालय कार्य कर रहा है।

ग्रीनफील्ड रेलवे लाइन

रेल मंत्रालय की योजना के अनुसार 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हाई स्पीड ट्रेन (High Speed Train) चलाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए सिकंदराबाद और बेंगलुरु के बीच मौजूदा पटरियों के साथ ग्रीन फील्ड रेलवे लाइन (Green Field Railway Line) बिछाने की योजना है।

रेलवे की योजना है कि तेलंगाना और कर्नाटक के दो आईटी सिटीज को जोड़ने के लिए सेमी हाई स्पीड की शुरुआत की जाए। इसकी अनुमानित लागत 30 हजार करोड़ आंकी गई है। हाई स्पीड ट्रेन की पटरियों को सामान्य ट्रेन की पटरियों से अलग रखा जाएगा। साथ ही नई परियों के साथ 1.5 मीटर की साइड दीवार बनाई जाएंगी।

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