रात के समय स्त्री और पुरुष को गलती से भी नहीं करने चाहिए एक साथ ये काम, जानिये वजह

कभी भी एक साथ ना करें तपस्या
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पुरूष व स्त्री को कोई भी एक साथ बैठकर तमस्या नहीं करनी चाहिए। तमस्या हमेशा अकेले ही करनी चाहिए।
क्योंकि तपस्या साथ में करने से ध्यान भटकता है, जिससे विघ्न पड़ जाती है । अगर आपको तपस्या का सही ढंग से लाभ लेना है, तो कभी भी स्त्री और पुरुष दोनों साथ में तपस्या न करें।
अलग अलग करें पढ़ाई
आपने अक्सर ज्यादातर घरों में देखा होगा कि बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं। जबकि आचार्य चाणक्य की मानें तो एक साथ 2 या 2 से अधिक लोग बैठकर पढ़ाई करते हैं तो उससे उनका ध्यान बार – बार भटक जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब ज्यादा लोग होते हैं, तो वो बीच में आपस में बातें करने लग जाते हैं। इसलिए हमेशा अलग बैठकर ही पढ़ाई करनी चाहिए। खासकर स्त्री और पुरुष को अलग अलग ही पढ़ाई करनी चाहिए एक साथ नहीं।
एक दूसरे के सामने न बदले कपड़े
कभी – कभी हम इतनी जल्दी में होते है कि हम अपने जीवन साथी के सामने भी कपड़ा बदल लेते हैं। वहीं आचार्य नीति के अनुसार पुरूष और महिला को कभी भी एक दूसरे के सामने कपड़े नही बदलना चाहिए। न किसी लडकी को कपड़ा बदलते हुए देखना चाहिए।।
हमेशा साथ मिल कर ही की यह काम
आचार्य चाणक्य के अनुसार कभी लड़ाई झगड़े नहीं करना चाहिए। लेकिन अगर कभी ऐसी परिस्थिति पड़े तो कभी भी अकेले नहीं जाना चाहिए। हर लड़ाई में उन्हीं की जीत होती है जिनके पास संख्या ज्यादा होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. dhnpress.in इसकी पुष्टि नहीं करता है.)